प्रणय रंग की बतियाँ



मेरे अधरों पर जब उनके गीत निखरते हैं,
मैं उनमे वो मुझमें कुछ ऐसे बसते हैं, 
वासंती मदमस्त हिलोरें उठती नैनों में, 
मेरे हिय में उनकी साँसे जीवन रचती हैं.


रंग रंग के फूल खिले हैं रंगीला है मौसम, 
धरती अम्बर डोल रहे हैं बदरी नाचे छम-छम, 
कोयल कूके बागन में और बंसी नदिया नारे, 
 प्रियतम के रंग ने रंग डारे रतिया, चंदा, तारे.


कानों में हर आहट कहती वो संदेशा आया, 
मन में मेरे मधुरस घोले ऐसा नेह है लाया, 
हुए बावरे नैन रंगीले अपनी सुध-बुध खोये, 
घूंघट के पट खोल नजरिया अंखियाँ खोले सोये. 


ऐसी प्रीत का घूँट पिया है मीरा बन कर डोली 
पिय के रंग में रंगी दुल्हनिया लाज-शर्म सब भूली 
प्रणय रंगों में खोकर, छुपकर प्रियतम को रंग आयी 
खुद को खोकर उसको पाया ऐसी रीत बनायी। 

(चित्र साभार google)








टिप्पणियाँ

  1. वाह वाह बहुत खूब
    बहुत सुंदर

    जवाब देंहटाएं
  2. बहुत ही सुंदर प्रणय भाव और उनका शाब्दिक चित्रण. प्रवाहमयी भाषा के साथ. मेरी मुबारक बाद स्वीकारें

    जवाब देंहटाएं
    उत्तर
    1. आदरणीय राजरंग जी, उत्साहवर्धन के लिए हार्दिक आभार
      सादर

      हटाएं
  3. इस टिप्पणी को लेखक द्वारा हटा दिया गया है.

    जवाब देंहटाएं
  4. प्रिय अपर्णा ----- प्रीत के रंग में आकंठ डूबी प्रियतमा के आहलादित सर्वस्व को बहुत ही सजीले और मधुर शब्द दिए आपने | इसमें कुछ पंक्तियों से विस्तार देती हूँ ------

    खुद को खोकर उसको पाया ऐसी रीत बनायी। ---
    नेह परिमल से महक उठी सुने मन की अंगनाई --
    रचो रे ! सिंदूरी रंग पैर महावर- खिलो मेहदी हथेली पे -
    मैं जोगन बनी पिया बावरी -- प्रीत के रंग रंग आई !!!!!!!
    आपकी दूसरी रचनाओं से अलग रंग की सुंदरर रचना के लिए हार्दिक बधाई --प्रीत का मौसम यूँ ही खिला रहे |

    जवाब देंहटाएं
    उत्तर
    1. प्रिय रेनू दी , आपका प्रेम और स्नेह मन में खुशियों की समा जला देता है। बहुत बहुत आभार।
      हर जॉनर में लिखना सीख रही हूँ.....
      आप सब का आशीर्वाद यूं ही बना रहे यही उम्मीद करती हूं। बहुत बहुत आभार
      सादर

      हटाएं
  5. आपकी इस प्रस्तुति का लिंक 08.03.2018 को चर्चा मंच पर चर्चा - 2903 में दिया जाएगा

    धन्यवाद

    जवाब देंहटाएं
    उत्तर
    1. मेरी रचना को चर्चा मंच पर शामिल करने के लिए बहुत बहुत आभार ।
      सादर

      हटाएं
  6. आभार आदरणीय रवींद्र जी मेरी रचना को चुनने के लिए
    सादर

    जवाब देंहटाएं
  7. वाह बहुत सुंदर शब्दों का चयन
    खूबसूरत एहसासों को पिरोया
    शानदार रचना

    जवाब देंहटाएं
    उत्तर
    1. शुक्रिया नीतू जी। आपकी सराहना से खुशी मिली।
      आभार

      हटाएं
  8. वाह्ह्ह...बहुत खूबसूरत रचना अपर्णा जी।
    आपकी कलम से निसृत प्रेम पगी सृजन की बधाई:)

    जवाब देंहटाएं
  9. I am extremely impressed along with your writing abilities, Thanks for this great share.

    जवाब देंहटाएं

एक टिप्पणी भेजें

इस ब्लॉग से लोकप्रिय पोस्ट

मृत्यु के बाद एक पल

आहिस्ता -आहिस्ता

प्रेम के सफर पर